Friday 13 December 2013

एक बार फिर से

आया हूँ आप लोगो से मिलने एक बार फिर से सोये हुये लोगों को जगाने एक बार फिर से बहुत दिनों से न कोई कविता न गजल न शायरी लिखी अपना हाल ऐ दिल सुनाने आया हूँ एक बार फिर से कुछ दोस्त जो मायूस थे इस आवारा की वापसी को लेकर उन दॉस्तो को हसाने आया हूँ एक बार फिर से और वो जिनको हुयी थी खुसी मेरे जाने को लेकर उनको भी सताने आया हूँ एक बार फिर से। जय हिन्द साजन आवारा

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