1 ये फौजी निकल चुका है अपने घर के लिए ,
अपने परिवार से अरसे बाद मिलने के लिए .
माँ भी कब से इन्तजार कर रही है मेरा ,
अब रुकना कठिन है मेरे लिय्रे .
जरुरी नहीं की हर होली ,दीवली पर मैं घर पर हूँ ,
जब मैं घर पर हूँ तभी होली दीवली है मेरे लिए .
2 कितना खुशी का आलम होगा ,
जब ये फौजी घर पर होगा .
माँ मिलेगी तो गले से लगाएगी ,
फिर उसकी भी रुलाई फूट जाएगी .
कहेगी , इतने दिनों बाद क्यूँ आता है ?
क्या एक बार भी हमारा ध्यान नहीं आता है ?
फिर ये फौजी भी भावुक हो जायेगा ,
माँ के गले लग जायेगा .....
3 फिर से कई यादे ताज़ा हो जाएँगी ,
दोस्तों की भरमार भी ज्यादा हो जाएगी .
फिर वही मटरगस्ती का खेल शुरु होगा ,
घर पर आकर फिर धामा चौकड़ी भी जरुर होगी .
में फौजी नौजवान हूँ हट्टा कट्टा हूँ ,
पर माता पिता के लिए अभी बच्चा हूँ .
4 फिर जैसे जैसे छुट्टियाँ खत्म होंगी ,
दूर जाने के गम फिर आँखे नम होंगी .
सामान के साथ माँ ढेर सरे लड्डू बांध देगी ,
जाते जाते फिर से एक सीख देगी ,
कि सफ़र में किसी अंजान के हाथों से मत खाना ,
और अगली बार बेटा कमज़ोर होकर मत आना ..|
31 comments:
सामान के साथ माँ ढेर सरे लड्डू बांध देगी ,
जाते जाते फिर से एक सीख देगी ,
कि सफ़र में किसी अंजान के हाथों से मत खाना ,
और अगली बार बेटा कमज़ोर होकर मत आना ..|
maa ka man hai jo itna sochta hai ...ati sundar rachna
emotional nice poem
kya bhai sach ko hi kavita ka roop de dala
kamal hai bhi lage raho
hamara bhi namaskar kehna uncle aunty se
dhanya hai aap...
kitne khuskismat ho aap
desh ke liye aapko kuch karne ka mouka mila
bhagwan kare hamari uamr bhi tumhe lag jaye....
kya baat kar rahe ho sharma bhai,,,,,
sab hi apne apne tarike se des ki seva karte hain......
jai hind jai bharat
एक फौजी के मन से रूबरू करवा दिया ......बहुत खूब ...दिल से लिखी गई कविता
एक फौजी दो - दो माओं का लाडला... माँ का प्यारा और भारत माता का दुलारा सच्चा सपूत ...बहुत सुन्दर भावना...
फ़ौजी की जय, भारत माता की जय,
उसे जन्म देने वाली माता की जय,
सभी फ़ौजियों के लिये यही संदेश है, था, और
हमेशा यही रहेगा।
बहुत सुन्दर और भावपूर्ण कविता! दिल को छू गई हर एक पंक्तियाँ!
माता का दुलारा सच्चा सपूत ...बहुत सुन्दर भावना...हम तो आपकी भावनाओं को शत-शत नमन करते हैं.
bahut sundar likha hai apne......
"jai hind jai bharat"
हृदयस्पर्शी ...... बहुत सुंदर ढंग से बयां किया एक फौजी और उसके परिवारजनों के भावों को...
2 कितना खुशी का आलम होगा ,
जब ये फौजी घर पर होगा .
माँ मिलेगी तो गले से लगाएगी ,
फिर उसकी भी रुलाई फूट जाएगी .
कहेगी , इतने दिनों बाद क्यूँ आता है ?
क्या एक बार भी हमारा ध्यान नहीं आता है ?
Very emotional creation !
Hats off to our soldiers.
.
bahut sundar aur bhavpurna kavita
फौजी की जिंदगी का सुख दुःख और वो अनमोल पल जब वो छुट्टी बीताने घर आता है, सब कुछ आपने कह दिया. बहुत अच्छा लिखा है, शुभकामनाएं. जय हिंद.
एक फ़ौजी सुन्दर लिख रहा है...बधाई और शुभकामना
सलाम हमारे वीर सिपाहियों को.....
Bhavuk hou ya garv karu ..?fauji par ... achchha likha hai.i.
भावुक पंक्तियाँ मन को छू गयी ऐसा ही होता है माँ का प्यार माँ के आँचल की छाया उसका दिया हुआ कुछ भी प्रसाद ...
फिर ये फौजी भी भावुक हो जायेगा ,
माँ के गले लग जायेगा .....
Bhramar5
एक फौजी .........भारत माँ का सच्चा सपूत
आँखें नम कर गयीं ........आपकी हृदयस्पर्शी रचना की पंक्तियाँ
Aap logon ka bahut bahu sukriya.
Acha lagta hai aap logo dwara rachna padhi ja rahi hain....
बहुत सुन्दर भावपूर्ण और मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति..
भाउक कर देने वाली पोस्ट। पढ़ कर जब दिल भाउक हो जाता है तो वास्तविक जीवन में अनुभव करना कितना कितना मार्मिक होगा..!
वैसे जो चीज दूर होती है..देर से मिलती है...कम मिलती है...वह उतनी ही अजीज लगती है। जो हमेशा पास रहता है उसका महत्व उसके दूर जाने पर समझ में आता है।
क्या बात है, बहुत सुंदर रचना
मार्मिक और भावुक करने वाली
शुभकामनाएं
बहुत सुन्दर और भावपूर्ण कविता! दिल को छू गई हर एक पंक्तियाँ!शुभकामनाएं.
bhut acha kitne bhi bde ho iayen hm pr ma ke liye hmesha bacche hi rhte hain.
फोजी की छुट्टी,रचना दिल को छू गई साजन जी क्या लिखा है आपने..वाह बहुत खूब
bhavnaye apne charam par hai ....par kahne ke liye sabd nahi hai bahut hi pyari .....
बहुत अच्छा लिखा है भाई आपने हमारे लिए ।। धन्यवाद ।। जय हिन्द
बहुत अच्छा लिखा है भाई आपने हमारे लिए ।। धन्यवाद ।। जय हिन्द
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