Tuesday 2 August 2011

फोजी की छुट्टी

1 ये फौजी निकल चुका है अपने घर के लिए ,
अपने परिवार से अरसे बाद मिलने के लिए .
माँ भी कब से इन्तजार कर रही है मेरा ,
अब रुकना कठिन है मेरे लिय्रे .
जरुरी नहीं की हर होली ,दीवली पर मैं घर पर हूँ ,
जब मैं घर पर हूँ तभी होली दीवली है मेरे लिए .
2 कितना खुशी का आलम होगा ,
जब ये फौजी घर पर होगा .
माँ मिलेगी तो गले से लगाएगी ,
फिर उसकी भी रुलाई फूट जाएगी .
कहेगी , इतने दिनों बाद क्यूँ आता है ?
क्या एक बार भी हमारा ध्यान नहीं आता है ?

फिर ये फौजी भी भावुक हो जायेगा ,
माँ के गले लग जायेगा .....
3 फिर से कई यादे ताज़ा हो जाएँगी ,
दोस्तों की भरमार भी ज्यादा हो जाएगी .
फिर वही मटरगस्ती का खेल शुरु होगा ,
घर पर आकर फिर धामा चौकड़ी भी जरुर होगी .
में फौजी नौजवान हूँ हट्टा कट्टा हूँ ,
पर माता पिता के लिए अभी बच्चा हूँ .
4 फिर जैसे जैसे छुट्टियाँ खत्म होंगी ,
दूर जाने के गम फिर आँखे नम होंगी .
सामान के साथ माँ ढेर सरे लड्डू बांध देगी ,
जाते जाते फिर से एक सीख देगी ,
कि सफ़र में किसी अंजान के हाथों से मत खाना ,
और अगली बार बेटा कमज़ोर होकर मत आना ..|

31 comments:

ज्योति सिंह said...

सामान के साथ माँ ढेर सरे लड्डू बांध देगी ,
जाते जाते फिर से एक सीख देगी ,
कि सफ़र में किसी अंजान के हाथों से मत खाना ,
और अगली बार बेटा कमज़ोर होकर मत आना ..|
maa ka man hai jo itna sochta hai ...ati sundar rachna

sm said...

emotional nice poem

Anonymous said...

kya bhai sach ko hi kavita ka roop de dala
kamal hai bhi lage raho
hamara bhi namaskar kehna uncle aunty se

Anonymous said...

dhanya hai aap...
kitne khuskismat ho aap
desh ke liye aapko kuch karne ka mouka mila
bhagwan kare hamari uamr bhi tumhe lag jaye....

SAJAN.AAWARA said...

kya baat kar rahe ho sharma bhai,,,,,
sab hi apne apne tarike se des ki seva karte hain......
jai hind jai bharat

Anju (Anu) Chaudhary said...

एक फौजी के मन से रूबरू करवा दिया ......बहुत खूब ...दिल से लिखी गई कविता

संध्या शर्मा said...

एक फौजी दो - दो माओं का लाडला... माँ का प्यारा और भारत माता का दुलारा सच्चा सपूत ...बहुत सुन्दर भावना...

SANDEEP PANWAR said...

फ़ौजी की जय, भारत माता की जय,
उसे जन्म देने वाली माता की जय,
सभी फ़ौजियों के लिये यही संदेश है, था, और
हमेशा यही रहेगा।

Urmi said...

बहुत सुन्दर और भावपूर्ण कविता! दिल को छू गई हर एक पंक्तियाँ!

संजय भास्‍कर said...

माता का दुलारा सच्चा सपूत ...बहुत सुन्दर भावना...हम तो आपकी भावनाओं को शत-शत नमन करते हैं.

Arvind kumar said...

bahut sundar likha hai apne......

"jai hind jai bharat"

डॉ. मोनिका शर्मा said...

हृदयस्पर्शी ...... बहुत सुंदर ढंग से बयां किया एक फौजी और उसके परिवारजनों के भावों को...

ZEAL said...

2 कितना खुशी का आलम होगा ,
जब ये फौजी घर पर होगा .
माँ मिलेगी तो गले से लगाएगी ,
फिर उसकी भी रुलाई फूट जाएगी .
कहेगी , इतने दिनों बाद क्यूँ आता है ?
क्या एक बार भी हमारा ध्यान नहीं आता है ?

Very emotional creation !

Hats off to our soldiers.

.

somali said...

bahut sundar aur bhavpurna kavita

डॉ. जेन्नी शबनम said...

फौजी की जिंदगी का सुख दुःख और वो अनमोल पल जब वो छुट्टी बीताने घर आता है, सब कुछ आपने कह दिया. बहुत अच्छा लिखा है, शुभकामनाएं. जय हिंद.

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ said...

एक फ़ौजी सुन्दर लिख रहा है...बधाई और शुभकामना

Chaitanyaa Sharma said...

सलाम हमारे वीर सिपाहियों को.....

Amrita Tanmay said...

Bhavuk hou ya garv karu ..?fauji par ... achchha likha hai.i.

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

भावुक पंक्तियाँ मन को छू गयी ऐसा ही होता है माँ का प्यार माँ के आँचल की छाया उसका दिया हुआ कुछ भी प्रसाद ...


फिर ये फौजी भी भावुक हो जायेगा ,
माँ के गले लग जायेगा .....

Bhramar5

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " said...
This comment has been removed by the author.
सुरेन्द्र सिंह " झंझट " said...

एक फौजी .........भारत माँ का सच्चा सपूत
आँखें नम कर गयीं ........आपकी हृदयस्पर्शी रचना की पंक्तियाँ

SAJAN.AAWARA said...

Aap logon ka bahut bahu sukriya.
Acha lagta hai aap logo dwara rachna padhi ja rahi hain....

Kailash Sharma said...

बहुत सुन्दर भावपूर्ण और मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति..

देवेन्द्र पाण्डेय said...

भाउक कर देने वाली पोस्ट। पढ़ कर जब दिल भाउक हो जाता है तो वास्तविक जीवन में अनुभव करना कितना कितना मार्मिक होगा..!
वैसे जो चीज दूर होती है..देर से मिलती है...कम मिलती है...वह उतनी ही अजीज लगती है। जो हमेशा पास रहता है उसका महत्व उसके दूर जाने पर समझ में आता है।

महेन्द्र श्रीवास्तव said...

क्या बात है, बहुत सुंदर रचना
मार्मिक और भावुक करने वाली
शुभकामनाएं

Ankit pandey said...

बहुत सुन्दर और भावपूर्ण कविता! दिल को छू गई हर एक पंक्तियाँ!शुभकामनाएं.

Dr.NISHA MAHARANA said...

bhut acha kitne bhi bde ho iayen hm pr ma ke liye hmesha bacche hi rhte hain.

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

फोजी की छुट्टी,रचना दिल को छू गई साजन जी क्या लिखा है आपने..वाह बहुत खूब

ASHOK BIRLA said...

bhavnaye apne charam par hai ....par kahne ke liye sabd nahi hai bahut hi pyari .....

Unknown said...

बहुत अच्छा लिखा है भाई आपने हमारे लिए ।। धन्यवाद ।। जय हिन्द

Unknown said...

बहुत अच्छा लिखा है भाई आपने हमारे लिए ।। धन्यवाद ।। जय हिन्द